बस पहुंच ही गए हम... नोट कर लें ये डेट और टाइम, चांद पर लैंडिंग को तैयार अपना चंद्रयान-3, रूस का चंद्रयान लूना-25 पास पहुंचकर क्रैश
Chandrayaan-3 Landing Date and Time Officially Announced Check Details
Chandrayaan-3 Landing Date and Time: लग रहा है कि इस बार भारत चांद पर उतरने की कामयाबी लिख देगा। दरअसल, चंद्रयान-3 का लैंडर अब चांद के 25 किलोमीटर के दायरे में आ गया है और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने आधिकारिक तौर पर यह जानकारी दे दी है कि लैंडर चांद पर कब और किस समय लैंड करेगा। इसरो के मुताबिक, चंद्रयान-3 का लैंडर रोवर के साथ 23 अगस्त को 18:04 बजे यानि शाम 6 बजकर 4 मिनट पर चांद पर उतरने के लिए पूरी तरह से तैयार होगा और इसकी लैंडिंग हो जाएगी। इसरो ने कहा कि, शुभकामनाओं और सकारात्मकता के लिए सभी देश वासियों का धन्यवाद! आइए एक साथ यात्रा का अनुभव जारी रखें।
इसरो ने बताया कि, लैंडिंग की प्रक्रिया जैसे ही शुरू होगी, उसे लाइव किया जाएगा। हालांकि, इस बीच रूस के लिए बुरी खबर आई है। रूस का लूना-25 अंतरिक्ष यान चांद के बिलकुल करीब जाकर दुर्घटनाग्रस्त (Russia Luna-25 Crashed Near Moon) हो गया है। लूना-25 इससे पहले चांद पर उतरता, अचानक वह भटक गया और क्रैश हो गया। रूस का लूना-25 कैसे क्रैश हो गया? इस बारे में रूसी वैज्ञानिक जानकारी जुटा रहे हैं। चांद पर उन आखिरी पलों में लूना-25 के साथ क्या हुआ? पता लगाया जा रहा है।
17 अगस्त को अकेले आगे बढ़ गया था चंद्रयान-3 का लैंडर
इसरो के साथ-साथ पूरे भारत के लिए 17 अगस्त का दिन बेहद खास था। क्योंकि इस दिन चंद्रयान-3 के प्रोपल्शन मॉड्यूल और लैंडर मॉड्यूल को अलग-अलग किया जाना था। खैर हम सफल रहे। प्रोपल्शन मॉड्यूल से लैंडर मॉड्यूल सफलतापूर्वक अलग हो गया। जिसके बाद चंद्रयान-3 के लैंडर ने रोवर के साथ अकेले ही चांद की तरफ अपना सफर तय करना शुरू कर दिया। अब आलम यह है कि, लैंडर 23 अगस्त को चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करने को तैयार है। 23 अगस्त को जब चंद्रयान-3 का लैंडर चंद्रमा पर लैंड करेगा तब निश्चित रूप से भारत के लिए जश्न मनाने का दिन होगा। इस कामयाबी की खुशी अद्भुत होगी।
14 जुलाई को लॉन्च हुआ था मिशन चंद्रयान-3
मालूम रहे कि, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने 14 जुलाई को श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर से चंद्रयान-3 की LVM3-M4 रॉकेट के जरिए सफल लॉन्चिंग की थी। वहीं लॉन्च होने के बाद चंद्रयान-3 ने रॉकेट से इजेक्ट होके अंतरिक्ष में धरती की कक्षा में प्रवेश किया और यहां चक्कर लगाने लगा था। इसके बाद हाल ही में 5 अगस्त को चंद्रयान-3 धरती की कक्षा को पार कर गया और चांद की कक्षा में प्रवेश किया था। चंद्रयान-3 ने हाल ही में चांद की बेहद करीब से तस्वीर भी इसरो के पास भेजी थी।
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भारत दो बार फेल हुआ, मगर हिम्मत नहीं हारी
बतादें कि, इससे पहले भारत ने चांद पर उतरने की दो बार कोशिश की है. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने पहली बार 22 अक्टूबर 2008 में चंद्रयान-1 लॉन्च किया था। जिसके बाद 8 नवंबर 2008 को चंद्रयान-1 ने चांद की कक्षा में सफलता पूर्वक प्रवेश किया और पानी की खोज भी की। लेकिन 28 अगस्त 2009 को अचानक चंद्रयान-1 से इसरो का संपर्क टूट गया।
इसके बाद भारत ने फिर से तैयारी की और 22 जुलाई 2019 में चंद्रयान-2 लॉन्च किया। मगर चंद्रयान-2 भी चांद पर सफल लैंडिंग नहीं कर सका। दरअसल, 20 अगस्त 2019 को चंद्रयान-2 ने चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश किया. मगर बाद में चंद्रयान-2 से संपर्क टूट गया. लेकिन भारत ने फिर भी हार नहीं मानी और अब चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग के साथ इतिहास रचने को तैयार है।
चंद्रयान-3 भारत के लिए गेम चेंजर होगा
ISRO ने चंद्रयान-3 को भारत के लिए गेम चेंजर बताया है। ISRO का कहना है कि, चंद्रयान-3 निश्चित रूप से भारत के लिए गेम चेंजर साबित होने वाला है। उम्मीद है कि यह चांद पर सफल लैंडिंग करेगा और इसकी लैंडिंग के साथ ही भारत पूरी दुनिया के लिए प्रेरणा बनेगा। चंद्रयान-3 की चांद पर सफल सॉफ्ट लैंडिंग से भारत इस उपलब्धि को हासिल करने वाला चौथा देश बन जाएगा। इससे देश में अंतरिक्ष विज्ञान के विकास की क्षमता बढ़ेगी। अभी तक अमेरिका, चीन और तत्कालीन सोवियत संघ ने चंद्रमा पर साफ्ट लैंडिंग की महारत हासिल की है।
अगर चंद्रयान-3 को बनाने में आई लागत की बात करें तो जानकारी के मुताबिक चंद्रयान-3 मिशन की पूरी लागत करीब 75 मिलियन डॉलर यानी भारतीय रुपये में 615 करोड़ रुपए है। कई देशों ने कम लागत पर चंद्रमा पर उतरने की कोशिश की लेकिन हमने ये पहले करके दिखाया है। चंद्रयान-3 मिशन के तीन अहम हिस्से हैं। प्रोपल्शन, लैंडर और रोवर। इसका कुल खर्च 600 करोड़ रुपये ज्यादा आया है। इस मिशन में इसरो के अलग-अलग विभाग के सैकड़ों वैज्ञानिक जुटे थे।